कोरोना से प्रभावित फेफड़े की पहली थ्री डी तस्वीर रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने कोरोना COVID-19 से प्रभावित फेफड़े की पहली थ्री डी तस्वीर जारी की है। तस्वीर में साफ दिख रहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के फेफड़े चिकने और गाढ़ी बलगम (म्यूकस) से भर गया है। जिससे उसके फेफड़ों में हवा जाने के लिए कोई जगह ही नहीं बचती। इस कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। तस्वीर में दिख रहे सफेद धब्बों को कोरोना वायरस का संक्रमण बताया जा रहा है। उम्मीद: सीटी स्कैन के बाद तुरंत इलाज शुरू हो सकेगा इस थ्री डी इमेज के बनने के बाद चिकित्सक एक्स-रे और सीटी स्कैन से ऐसे मरीजों की बहुत जल्दी पहचान कर पाएंगे जो गंभीर रूप से संक्रमित हैं। इसके बाद उन मरीजों को एकांत वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना के वायरस शरीर में सबसे पहले श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। रेडियोलॉजिस्टों ने इन सफेद धब्बों को अपनी भाषा में इसे ग्राउड-ग्लास ओपेसिटी कहा है।
भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। कर्नाटक के कलबुर्गी शहर में दो दिन पहले कोरोना के जिस संदिग्ध बुजुर्ग की उपचार के दौरान मौत हुई थी, उसके नमूने की जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इससे देश में कोरोना से कुल संक्रमित मामलों की संख्या 76 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलू ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि मरीज का नमूना पहले ही ले लिया गया था और उसके कोरोना से संक्रमित होने की आज पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी संदिग्ध को अलग-थलग रखने और उसके संपर्क में आने वालों की जांच के पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया गया। कोरोना से संक्रमित इस मरीज की उम्र 76 साल थी। वह एक महीने सऊदी अरब में रहने के बाद 29 फरवरी को वापस लौटा था और अस्थमा का रोगी था। छह मार्च को पहली बार उसे सर्दी जुकाम के लक्षण होने पर उसने एक डॉक्टर को दिखाया था। नौ मार्च को तबियत ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार रात को उसकी मौत हो गई थी और कोरोना से जुड़ी उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर ने कहा- जिस बुजु